बीएसएनएल ने बचाई जान क्या है मामला

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अमित उप्रेती सरकारी दूरसंचार कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) के नेटवर्क की यूं तो अक्सर आलोचना की जाती है, लेकिन रविवार को चमोली जिले में आई जलप्रलय में बीएसएनएल के नेटवर्क ही एक दर्जन मजदूरों की जान बचाने में सहायक बने।

आईटीबीपी और एनडीआरएफ की टीमों के रेस्क्यू ऑपरेशन में बाहर निकाले गए टनल में फंसे मजदूरों ने बताया कि टनल में अचानक मलबा आ जाने से टनल का मुहाना पूरी तरह से बंद हो गया और सभी के मोबाइल फोन से नेटवर्क गायब हो गए। किसी भी निजी कंपनी का मोबाइल नेटवर्क काम नहीं कर रहा था। लेकिन एक बीएसएनएल उपभोक्ता राकेश भट्ट के फोन में नेटवर्क आ रहे थे। जिसकी वजह से वे अपने अधिकारियों से संपर्क कर पाए और रेस्क्यू टीम ने पहुंचकर उनकी जान बचाई।

रेस्क्यू ऑपरेशन कर बाहर निकाले गए राकेश भट्ट को विश्वास नहीं हो रहा कि वह मौत के मुंह से निकल कर सुरक्षित वापस लौट आए हैं। उस खौफनाक मंजर को याद करते हुए राकेश भट्ट ने बताया कि अगर उनके मोबाइल फोन में बीएसएनल का कनेक्शन नहीं होता तो उनका जिंदा बाहर निकल पाना मुश्किल था। टनल में फंसे दर्जनभर अन्य मजदूरों के मोबाइल फोन के नेटवर्क साथ छोड़ गए थे। लेकिन बीएसएनएल के नेटवर्क की वजह से ही वे अपने अधिकारियों से संपर्क कर पाए।

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