प्रशासन की आधी अधूरी तैयारियों के साथ सकुसल सम्पन्न होगा उर्स मेला

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रुड़की राव सरवर साबरी
पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक के 752 वे सालाना उर्स ( मेले ) में ज़ायरीनों के आने का सिलसिला शुरू हो गया है। प्रशासन ने कोविड नियमों के अनुसार उर्स को सकुसल संपन्न करने को लेकर कमर कसी हुई हैं। जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बाहर से आने वाले ज़ायरीनों की रैंडम सैम्पलिंग जांच का कार्य भी शुरू कर दिया हैं। स्वास्थ्य विभाग की तीन टीमें मेला क्षेत्र में लोगों की रैंडम सैम्पलिंग जांच कर रही हैं। डॉ सुमित चौहान ने बताया कि बाहर से आने वाले ज़ायरीनों की रैंडम सैम्पलिंग जांच तीन दिन से की जा रही हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने तीन दिन में लगभग आठ सौ लोगों की सैम्पलिंग कर चुकी हैं। वही उर्स (मेले ) में आने वाले ज़ायरीनों की सुरक्षा को लेकर पुलिस प्रशासन भी गंभीर नज़र आ रहा है। दरगाह शरीफ में ज़ायरीनों को हाज़री (दर्शन) करने के लिए बैरिकेटिंग की हुई हैं।


सुरक्षा को देखते हुए जगह जगह पर पुलिस के जवान तैनात किए गए हैं। जिससे बाहर से आने वाले ज़ायरीनों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े और कोविड नियमों का पालन ज़ायरीनों से कराया जा सके। कोविड नियमों की उल्लघंन करने वाले लोगों से भी पुलिस शक्ति से निपट रही हैं। मेला क्षेत्र में बिना मास्क के घूम रहे लोगों के पुलिस चालान कर कोविड नियमों का पाठ पढ़ा रही हैं।
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आपको बतादे की पिरान कलियर उर्स (मेले ) में देश ही नहीं विदेशों से भी हज़ारो की संख्या में ज़ायरीन अपनी मन्नत मुरादे लेकर साबिर पाक की दरगाह आते हैं लेकिन इस बार कोविड 19 जैसी महामारी के चलते विदेशों से आने वाले ज़ायरीन कलियर उर्स में शामिल नहीं हो पाएगी। लेकिन हिन्दुस्तान के कोने कोने से ज़ायरीनों का उर्स में पहुचने का सिलसिला जारी हैं। कलियर उर्स में बाहर से आने वाले ज़ायरीनों को 72 घण्टे पहले कोरोना की जांच रिपोर्ट करा कर आने के सख्त निर्देश दिए हुए हैं। जिससे उर्स में आने वाले ज़ायरीनों को कोविड जांच करना जरूरी हैं। कोविड जैसी महामारी की मार कलियर उर्स (मेले) पर भी पड़ रही हैं आज उर्स की दूसरी रस्म छोटी रौशनी है लेकिन हर बार की तरह उर्स की इस रस्म में ज़ायरीनों की रौनक नज़र नहीं आ रही हैं। हर साल उर्स की छोटी रौशनी में हज़ार की संख्या में ज़ायरीन शामिल होने आते हैं लेकिन कोविड के चलते इस बार ज़ायरीनों की संख्या कम नज़र आ रही हैं। इस बार उर्स में ज़ायरीनों की कम संख्या होने से दुकानदारों की भी चिंता बढ़ी हुई हैं। कुछ दुकानदारों पर बैरिकेटिंग की मार पड़ रही हैं तो कुछ दुकानदार ज़ायरीनों की कम संख्या को लेकर मायूस नज़र आ रहे हैं। जहां प्रशासन ने उर्स की व्यवस्थाओं को लेकर बेरिकेटिंग का जाल बिछाया हैं वही प्रशासन मेला क्षेत्र में हर साल लगने वाले वॉचटावरो को इस साल प्रशासन बनाना भूल गया हैं। वॉचटावरो से बाहर से आने वाले लोगों पर कड़ी नज़र रखने के बनाना जाता था मगर इस बार प्रशासन उर्स की बेरिकेटिंग की व्यवस्था में उलझकर रह गया है। आधा अधूरी तैयारी के साथ प्रशासन उर्स को सकुसल सम्पन्न करने की कोशिश में लगा हुआ है। वहीं दरगाह इमाम साहब और दरगाह किलकिला साहब पर जाने के लिए बने सड़क खस्ता हाल बानी हुई हैं जगह जगह पर टूटू हुई सड़क में बने गढ्ढे ज़ायरीनों का पूर जोर खैर मखदम वा स्वागत कर रहे हैं। प्रशासन इस साल इन सड़कों की मरमत करना भी शायद भूल गया हैं। टूटी हुई सड़क से ज़ायरीनों को हाज़री (दर्शन) करने जाना पड़ रहा हैं। प्रशासन की सड़क की मरमत नहीं होने की लापरवाही से ज़ायरीनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा हैं।

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