हरिद्वार (शोभित वर्मा )यदि कल आप हरिद्वार हरकी पैड़ी पहुचकर गंगा में डुबकी लगाने की सोच रहे है तो हरिद्वार पहुँचकर आपको मायूषी हाथ लग सकती है दरसल वार्षिक बन्दी के चलते कानपुर तक जाने वाली गंगा को अगले 22 दिनों के लिए बन्द किया गया हैं।जिससे न केवल आने वाले श्रद्धालुओं को मायूषी हाथ लगेगी बल्कि व्यापार पर भी इसका असर पड़ेगा
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वार्षिक मरम्मत कार्यो के चलते गंगा बंदी से अगले 22 दिनो तक दिल्ली एनसीआर के लोगो को जल संकट का सामना करना पडेगा।अगर आप अगले 22 दिनो में गंगा स्नान के लिए धर्मनगरी हरिद्वार आने वाले है तो आपको हरकी पौडी पर गंगा जल की बजाय मासूसी हाथ लगेगी।सफाई और मरम्मत के लिए गंगनहर को आज रात बन्द कर दिया जाएगा। जिसकी वजह से हरकी पौडी पर गंगा स्नान के लिए गंगाजल पर्याप्त मात्रा में मौजूद नही रहेगा।हालांकि क्रम कांड के लिए प्र्याप्त जल उपलब्ध रहेगा।व्यापारियों ने भी यात्रा सीजन के चलते खड़खड़ी से मायापुर तक पर्याप्त जल छोड़े जाने की मांग का यूपी सिचाई विभाग के एसडीओ को ज्ञापन दिया
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वही एसडीओ विक्रांत सैनी का कहना है की प्रति वर्ष की तरह मरम्मत कार्यो को करने के लिए गंगा को बंद किया गया है।हरकी पैड़ी पर गंगा जल की जहां तक बात है गंगा सभा ओर सिचाई विभाग के बीच हुए अनुबंध में करीब 1000 क्यूसेक जल हरकी पोड़ी पर छोड़ा जाना निर्धारित है।हमारी कोशिश रहेगी उतना जल पर्याप्त मात्रा में वहां उपलब्ध रहे।व्यापारियों की जहां तक बात है इन दिनों में त्योहारों के चलते छुट्टियां रहती है तो यात्री भी ज्यादा पहुचते है उनकी मांग को शासन स्तर तक भिजवाऊंगा।
गंगा बंदी के एलान से व्यापारियों ने यूपी सिचाई विभाग को खुली चुनोती दे दी हैं।यदि पांच फीट तक पर्याप्त मात्रा में जल उपलब्ध नही हुआ तो व्यापारी लामबंद होकर विरोध प्रदर्शन करेंगे।वही सिचाई विभाग के आश्वाशन से व्यापारियों को उम्मीद तो है की उनकी मांगों को विभाग गंभीरता से लेगा।ऐसे देखना ये होगा की क्या व्यापारियों के चेतावनी कुछ काम आएगी या पिछले लम्बे समय से गंगा क्लोजर का विरोध कर रहा शहर का व्यापारी ऐसे ही अपने विरोध को बरकरार रखेगा