पढ़े-जांच शुरू हुई तो स्कूल छोड़ भागे फर्जी शिक्ष‌क

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हरिद्वार (शोभित वर्मा )उत्तराखंड में शिक्षक द्वारा फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी प्राप्त करने के मामले में लगातार नए-नए खुलासे होते रहे हैं। अब फिर से एसआईटी की निशानदेही पर लगभग 50 शिक्षकों के फर्जी प्रमाण-पत्र होने की शिकायत पर शिक्षा विभाग ने जांच बैठा दी है।लिस्ट में नाम आने पर ऐसे शिक्षक स्कूल छोड़कर भाग गए हैं।
एसआईटी ने लगभग 50 ऐसे शिक्षकों की लिस्ट तैयार कर शिक्षा विभाग को भेज दी, जिनके दस्तावेज फर्जी हैं। लिस्ट के अनुसार किसी शिक्षक की बीएड की डिग्री फर्जी है तो किसी के शैक्षिक दस्तावेज और नियुक्ति पत्र फर्जी हैं। कई शिक्षकों के जाति और निवास प्रमाणपत्र भी फर्जी हैं।

एसआईटी की निशानदेही पर शिक्षा विभाग ने जांच बैठाते हुए खंड शिक्षा अधिकारियों को ऐसे शिक्षकों के नाम भेजकर उनके दस्तावेज कब्जे में लेकर कार्यवाही कराने को निर्देश दिए हैं। शिक्षकों के नाम सामने आने पर उन्होंने स्कूल आना ही छोड़ दिया है। अधिकांश शिक्षक सन 2000 से पहले के हैं। अधिकारियों ने कहा कि फर्जी प्रमाणपत्रों पर नौकरी करने वाले शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

जिला हरिद्वार में प्राथमिक शिक्षकों का बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ में आता रहा है। बीटीसी की मार्कशीट और मूल निवास प्रमाणपत्र फर्जी पाने पर अप्रैल में 12 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया गया है। बार-बार मांगने पर भी अपने सर्टिफिकेट नहीं देने वाले आठ शिक्षकों को निलंबित कर दिया गया है। जबकि एक शिक्षक का वीआरएस निरस्त किया गया है। कार्रवाई की जद में आए सभी शिक्षक वर्ष 1992 से 2002 के बीच भर्ती हुए थे।

हरिद्वार जिले में शिक्षकों के फर्जीवाड़े का खुलासा कर बर्खास्त व निलंबन की कार्रवाई करने वाले तत्कालीन डीईओ बेसिक रामेंद्र कुशवाहा का तबादला कराने के लिए काफी प्रयास भी किया गया तबादला होने के बाद प्रभारी डीईओ बेसिक रहे दिनेश चंद्र डिमरी और महीने भर पहले चार्ज संभालने वाले डीईओ बेसिक जगमोहन सोनी ने इस प्रकरण में संज्ञान नहीं लिया । दिनेश चंद्र डिमरी ने कई बार वरिष्ट पुलिस अधीक्षक से बात भी की, पर पुलिस ने भी दागियों पर नजरें इनायत रखी। अब फिर से एसआईटी की नई सूची आने की जांच स्वयं जिला शिक्षा अधिकारी बेसिक ब्रह्मपाल सैनी कर रहे हैं।

वही ब्रह्मपाल सैनी ने कहा की एसआइटी की शिकायत पर सूची खंड शिक्षा अधिकारियों को भेज दी गई है। ब्लाक बहादराबाद में सबसे अधिक शिक्षक हैं। सूची के अनुसार आरोपी शिक्षकों की बीएड डिग्री, निवास, जाति के साथ नियुक्ति पत्र तक फर्जी होने का मामला सामने आया है। इन शिक्षकों के प्रमाणपत्रों की असलियत सामने आते ही मुकदमा दर्ज कराकर वसूली की जाएगी।

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